किडनी डैमेज के स्टेज और हर स्टेज का इलाज

किडनी (गुर्दे) हमारे शरीर की प्राकृतिक फ़िल्टर मशीन हैं, जो खून से अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त पानी को निकालकर पेशाब के रूप में बाहर करती हैं। ये शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखने, हार्मोन बनाने और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में भी अहम भूमिका निभाती हैं।

जब किडनी का काम करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती है, तो इसे क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (CKD) कहा जाता है। यह बीमारी कई सालों में विकसित होती है और पांच अलग-अलग स्टेज में विभाजित की जाती है।


किडनी डैमेज के मुख्य कारण

  1. डायबिटीज (शुगर) – उच्च शुगर लेवल किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।

  2. हाई ब्लड प्रेशर – लगातार हाई BP किडनी पर दबाव डालता है।

  3. बार-बार पेशाब का इंफेक्शन (UTI) – लंबे समय तक अनट्रीटेड रहने पर नुकसान।

  4. पॉलिसिस्टिक किडनी डिजीज – आनुवांशिक कारण।

  5. दवाइयों का अधिक सेवन – खासकर पेनकिलर्स और कुछ एंटीबायोटिक्स।


स्टेज 1 – शुरुआती किडनी डैमेज

  • eGFR: 90 या उससे अधिक

  • लक्षण: अक्सर कोई लक्षण नहीं, लेकिन पेशाब की जांच में प्रोटीन की उपस्थिति (प्रोटीन्यूरिया) मिल सकती है।

  • इलाज:

    • ब्लड शुगर और BP कंट्रोल।

    • रोजाना 30 मिनट वॉक या हल्का व्यायाम।

    • धूम्रपान-शराब से दूरी।

    • साल में 1-2 बार किडनी टेस्ट।


स्टेज 2 – हल्का किडनी डैमेज

  • eGFR: 60-89

  • लक्षण: थकान, सूजन, पेशाब में झाग।

  • इलाज:

    • नमक कम करना (5 ग्राम से कम/दिन)।

    • पर्याप्त पानी पीना (लेकिन डॉक्टर की सलाह के अनुसार)।

    • हेल्दी वजन बनाए रखना।

    • प्रोसेस्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक, और तली चीज़ें कम करना।


स्टेज 3 – मध्यम किडनी डैमेज

  • eGFR: 30-59

  • लक्षण:

    • हाथ-पैर में सूजन

    • नींद में कमी

    • मांसपेशियों में ऐंठन

    • भूख कम होना

  • इलाज:

    • प्रोटीन का सेवन सीमित करना (0.6-0.8 ग्राम/किलो वजन)।

    • पोटैशियम और फॉस्फोरस का स्तर मॉनिटर करना।

    • डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों को नियमित लेना।


स्टेज 4 – गंभीर किडनी डैमेज

  • eGFR: 15-29

  • लक्षण:

    • तेज सूजन

    • सांस लेने में तकलीफ

    • कमजोरी

  • इलाज:

    • डायालिसिस के लिए वेन या फिस्टुला बनवाने की तैयारी।

    • हार्ट हेल्थ और बोन हेल्थ का ख्याल।

    • डाइट में पोटैशियम (केला, संतरा, आलू) और फॉस्फोरस (डेयरी, ड्राई फ्रूट्स) को कम करना।


स्टेज 5 – एंड-स्टेज किडनी डिज़ीज़ (ESKD)

  • eGFR: 15 से कम

  • लक्षण:

    • बेहोशी

    • उल्टी

    • अत्यधिक थकान

    • शरीर में पानी और अपशिष्ट का जमाव

  • इलाज:

    • डायालिसिस – हफ्ते में 2-3 बार मशीन से खून साफ करना।

    • किडनी ट्रांसप्लांट – नया जीवन पाने का सबसे प्रभावी तरीका।


किडनी रोगियों के लिए डाइट गाइड

  1. नमक कम करें – ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए।

  2. प्रोटीन सीमित करें – ताकि किडनी पर भार कम हो।

  3. पानी की मात्रा डॉक्टर के अनुसार लें – स्टेज के अनुसार ज़रूरत अलग होती है।

  4. पोटैशियम और फॉस्फोरस नियंत्रित करें – खासकर स्टेज 3 के बाद।

  5. ताजे फल-सब्जियां लें – लेकिन पोटैशियम लेवल देखकर।


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निष्कर्ष

किडनी डैमेज की शुरुआत अक्सर चुपचाप होती है, लेकिन अगर समय रहते पहचान और इलाज कर लिया जाए तो किडनी की कार्यक्षमता लंबे समय तक बचाई जा सकती है। हर स्टेज का इलाज अलग है, और सही विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में यह बीमारी को नियंत्रित करना संभव है।

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